Recurring Deposit: RD पर कैसे कैलकुलेट होता है ब्याज, फाइनेंशियल प्लानिंग में आएगा काम
Recurring Deposit: RD पर मिलने वाले ब्याज की कैलकुलेशन को समझना जरूरी है क्योंकि इससे आप ये तय कर पाएंगे कि आप वित्तीय आधार पर सही प्लानिंग कर रहे हैं या नहीं.
Recurring Deposit Interest: नौकरी करने के बाद अगर आप अपना पैसा सुरक्षित और बेहतर जगह पर निवेश करना चाहते हैं तो रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit) एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है. आप चाहे तो पोस्ट ऑफिस या किसी भी बैंक में अपना RD खाता खुलवा सकते हैं और महीने में 100 रुपए से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. रिकरिंग डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज बैंक की FD और सेविंग्स अकाउंट की तुलना में ज्यादा होता है. RD पर मिलने वाले ब्याज की कैलकुलेशन को समझना जरूरी है क्योंकि इससे आप ये तय कर पाएंगे कि आप वित्तीय आधार पर सही प्लानिंग कर रहे हैं या नहीं.
RD पर ब्याज की कैलकुलेशन
बता दें कि आरडी (RD) पर ब्याज की कैलकुलेशन के लिए अलग-अलग फॉर्मूला हैं. अगर आप मंथली आधार पर निवेश करते हैं तो इसका अलग फॉर्मूला है और अगर आप एकमुश्त निवेश करते हैं तो इसका अलग फॉर्मूला है.
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मासिक तौर पर निवेश करने पर
M = R [(1+i)n – 1] divided by 1-(1+i)(-1/3)
M: RD की मैच्योरिटी वैल्यू
R: RD के मंथली इंस्टालमेंट की संख्या
n: टेन्योर (कुल तिमाही की संख्या)
I: ब्याज दर/400
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एकमुश्त राशि जमा करने पर
A = P (1 + r/n) ^ nt
A: फाइनल अमाउंट
P: कुल कितना निवेश किया
r: ब्याज दर
n: एक साल में ब्याज कितनी बार कंपांउंड हुआ
t: आरडी का कुल टेन्योर
RD खाता खुलवाने से पहले जान लें ये फायदे की बातें
- आरडी पर ब्याज कंपाउंडिंग के हिसाब से जुड़ता है यानी कि जितने ज्यादा साल के लिए निवेश करेंगे तो फायदा ज्यादा होगा
- खाता खुलवाने से पहले सभी बैंक और डाकघर की दरों को चेक कर लें, जहां ज्यादा ब्याज मिल रहा है, वहां निवेश करें
- किसी बैंक में आरडी खाता खुलवाने के लिए उस बैंक खाता होना जरूरी नहीं है.
- आरडी खाते को 10 साल तक की अवधि के लिए खोला जा सकता है.
12:11 PM IST